रिपोर्ट – नाज आलम ( सोर्स रॉयटर्स )
ढाका बांग्लादेश: बांग्लादेश के श्रम कानूनों के उल्लंघन के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता और ग्रामीण टेलीकॉम के चेयरमैन प्रोफ़ेसर मोहम्मद यूनुस सहित चार लोगों को छह महीने की जेल की सज़ा सुनाई गई है।
इन लोगों पर पाँच हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, ढाका के लेबर कोर्ट ने मोहम्मद यूनुस को ये सज़ा सुनाई, कोर्ट ने कहा कि मोहम्मद यूनुस और अन्य लोगों पर श्रम कानून के उल्लंघन का आरोप साबित हो गया है।
प्रोफ़ेसर यूनुस और अन्य अभियुक्त सज़ा के समय कोर्ट में मौजूद थे, हालांकि, फिलहाल मोहम्मद यूनुस को जेल नहीं जाना पड़ेगा, उनके वकीलों ने ऊपरी अदालत में याचिका दायर करने के लिए 30 दिनों का समय मांगा है, कोर्ट ने पाँच हज़ार रुपये के मुचलके पर ये आवेदन मंज़ूर कर लिया।
कोर्ट के बाहर मोहम्मद यूनुस ने कहा, “हमें उस पाप की सज़ा दी गई, जो हमने किया नहीं है। वहीं उनके वकील अब्दुल्लाह अल मामन ने कहा, “हम इस फैसले से आक्रोशित हैं, श्रम अदालतों के इतिहास में सबसे जल्दी सुनवाई हुई, यूनुस के केस को सिर्फ़ 10 दिन दिए गए, आज का फ़ैसला जल्दबाज़ी में दिया गया है।
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हम नाराज़ हैं, ये आदेश गलत और कानून के ख़िलाफ़ है, हमें न्याय से वंचित किया गया. हम इसके ख़िलाफ़ अपील करेंगे, साल 2007 में बांग्लादेश में कार्यकारी सरकार के गठन के बाद से ही प्रोफ़ेसर मोहम्मद यूनुस के राजनीतिक दल बनाने की अटकलें थीं।
नोबेल पुरस्कार पाने के पाँच महीनों के भीतर प्रोफ़ेसर यूनुस ने कहा कि अगर ज़रूरी हुआ तो वह राजनीति में उतरेंगे, उन्होंने लोगों से भी ‘पुरानी राजनीति’ से बाहर आने को कहा।बांग्लादेश की मौजूदा पीएम शेख हसीना ने उस समय प्रोफ़ेसर यूनुस के राजनीति में उतरने की कोशिशों की काफ़ी आलोचना की थी।
पिछले साल अगस्त तक प्रोफ़ेसर यूनुस के ख़िलाफ़ 18 केस दर्ज हो चुके थे, हालांकि, बांग्लादेश की सरकार पर लगातार इन मामलों को हटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ता गया।