मध्य पूर्व में हाल ही में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने फैसला किया है कि वह क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ाएगा। अमेरिका ने इस क्षेत्र में अतिरिक्त लड़ाकू विमान और नौसेना के युद्धपोत तैनात करने की योजना बनाई है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य ईरान और उसके सहयोगी समूहों, जैसे कि हमास और हिजबुल्लाह, से संभावित खतरों का सामना करना है।
अमेरिका की सैन्य तैनाती
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने घोषणा की है कि अमेरिका मध्य पूर्व और यूरोप में अतिरिक्त नौसेना क्रूजर और डिस्ट्रॉयर भेजेगा, जो बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा, अमेरिका ने मध्य पूर्व में लड़ाकू विमानों का एक अतिरिक्त स्क्वाड्रन भी भेजने का निर्णय लिया है। पेंटागन ने एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया है कि इस सैन्य तैनाती का उद्देश्य अमेरिकी सेना की सुरक्षा को मजबूत करना, इजरायल की रक्षा में सहयोग बढ़ाना और किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना है। पेंटागन ने पहले ही ‘यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप’ को क्षेत्र में तैनात किया था। अब, अमेरिका ने ‘यूएसएस अब्राहम लिंकन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप’ को तैनात करने का निर्णय लिया है, जो कि लैंड बेस्ड बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने में मदद करेगा।
अमेरिका की लगातार सहायता
अमेरिका ने इससे पहले 13 अप्रैल को भी अपनी सैन्य तैनाती बढ़ाई थी, जब ईरान ने ड्रोन और मिसाइलों के साथ इजरायल पर हमला किया था। उस समय, इजरायल ने अमेरिका और अन्य सहयोगियों की मदद से लगभग 300 ड्रोन और मिसाइलों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया था। व्हाइट हाउस ने बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक फोन कॉल के दौरान नए अमेरिकी रक्षात्मक सैन्य तैनाती पर चर्चा की।
हानिया की हत्या और इसके प्रभाव
हाल ही में, ईरान में हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या की गई है, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है। हानिया ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे और अयातुल्ला अली खामेनेई से भी मुलाकात की थी। हमास का आरोप है कि इजरायल ने हानिया की हत्या की जिम्मेदारी ली है, जबकि इजरायल ने इस आरोप को नकारा है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने हमास नेता की हत्या का बदला लेने की कसम खाई है।
अमेरिका का समर्थन और भविष्य की संभावनाएँ
अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि अगर इजरायल पर हमला होता है, तो अमेरिका उसकी मदद करने के लिए तैयार रहेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनके पास हानिया की हत्या में इजरायल की भूमिका की कोई जानकारी नहीं है। इस प्रकार, अमेरिका का सैन्य समर्थन और तैनाती मध्य पूर्व में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं। यह कदम न केवल इजरायल की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा, बल्कि क्षेत्रीय तनाव को भी नियंत्रित करने में मदद करेगा।
NEWS SOURCE Credit : punjabkesari