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उत्तर प्रदेश : यूपी के शहरों में बिना ब्रेक मिलेगी बिजली, लागू होगा थ्री टियर सिस्‍टम; पावर कारपोरेशन की तैयारी।

रिपोर्ट / नाज आलम ( सोर्स एक्स प्लेटफ़ॉर्म ) 

 

पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस व्यवस्था में चार शहरों कानपुर, बरेली, अलीगढ़ और मेरठ को लिया गया है। बाद में इसे UP के सभी शहरों में लागू किया जाएगा। यह नई व्यवस्था उपभोक्ता केंद्रित है। बिजली सप्लाई बेहतर रहे इसके लिए सप्लाई की विशेष टीम तैनात की जाएगी।

 

उत्तर प्रदेश : पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस व्यवस्था में चार शहरों कानपुर, बरेली, अलीगढ़ और मेरठ को लिया गया है। बाद में इसे UP के सभी शहरों में लागू किया जाएगा। यह नई व्यवस्था उपभोक्ता केंद्रित है। बिजली सप्लाई बेहतर रहे इसके लिए सप्लाई की विशेष टीम तैनात की जाएगी।

यूपी के शहरी क्षेत्रों में अच्छी गुणवत्ता के साथ बिना ब्रेक बिजली सप्लाई देने के लिए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन थ्री टियर व्यवस्था लागू करने जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस व्यवस्था में चार शहरों कानपुर, बरेली, अलीगढ़ और मेरठ को लिया गया है। बाद में इसे प्रदेश के सभी शहरों में लागू किया जाएगा। यह नई व्यवस्था उपभोक्ता केंद्रित है। बिजली सप्लाई बेहतर रहे इसके लिए सप्लाई की विशेष टीम तैनात की जाएगी। इस टीम के पास कामर्शिलय से संबंधित कोई काम नहीं होगा। चयनित चारों शहरों में नई व्यवस्था के मुताबिक विभागीय टीमें एक नवंबर से काम करने लगेंगी। इसकी तैयारी मुकम्मल की जा चुकी है।

सप्लाई वाले कार्मिकों के पास नहीं होगा कामर्शिलय का काम

थ्री टियर व्यवस्था के तहत बिजली सप्लाई के लिए इंजीनियरों से लेकर मरम्मत की टीम और लाइनमैन की पूरी अलग रहेगी। इस टीम के पास सिर्फ यही कार्य होगा कि उनके कार्यक्षेत्र में बिजली सप्लाई में कोई व्यवधान न रहे। व्यवधान यदि आता है तो उसे तत्काल ठीक कर बिजली सप्लाई बहाल कर दी जाए। यह टीम अपना पूरी समय बिजली वितरण सिस्टम ठीक से काम करे इस पर देगी। वहीं कामर्शिलय की दो टीमें होंगी। कामर्शियल की पहली टीम का काम नया कनेक्शन देने, बिल से संबंधित शिकायतों को दूर करने, भार बढ़ाने घटाने जैसे काम करेगी। वहीं कामर्शियल की दूसरी टीम बिजली चोरी पकड़ने, लाइन लास कम हो इस दिशा में काम करने के साथ ही कामर्शियल से संबंधित उपभोक्ताओं की दिक्कतें दूर करने का काम करेगी।

दोहरे दबाव से मुक्त होंगे इंजीनियर व अन्य कार्मिक

यहां बता दें कि अब तक विभाग एक ही जेई, एई, एसडीओ और एक्सईएन से सप्लाई, कामर्शियल और बिजली चोरी रोकने संबंधी सभी कार्य लेता रहा है। जिसकी वजह से कामर्शिलय से संबंधित कामों का दबाव अधिक रहने पर क्षेत्र में बिजली सप्लाई बाधित होने पर इंजीनियर अपना पूरा फोकस उस पर नहीं कर पाते हैं। इस नई व्यवस्था से यह दिक्कतें कम होंगी। सभी क्षेत्रों के लिए अलग से टीमें रहेंगी। एक टीम का हस्तक्षेप दूसरे के कामों में नहीं रहेगा। शीर्ष स्तर पर अधिकारी एक ही होंगे।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर का कहना है कि इस नई व्यवस्था से उपभोक्ता सेवाओं में गुणात्मक सुधार होगा। टेक्निकल और कामर्शिलय टीमों के अलग होने से सभी कार्य प्रबंधन की उम्मीदों के लिहाज से आगे बढ़ेंगे। फाल्ट ठीक करने में तेजी आएगी।

क्‍या बोले चेयरमैन

यूपीपीसीएल के चेयरमैन डा. आशीष कुमार गोयल ने कहा कि नई व्यवस्था पूरी तरह उपभोक्ता केंद्रित होगी। प्रदेश के उपभोक्ताओं को निर्बाध व अच्छी गुणवत्ता के साथ बिजली मिल सके इसे फोकस किया गया है। चार शहरों से मिलने वाले फीडबैक के आधार पर यह व्यवस्था प्रदेश के सभी शहरों में लागू की जाएगी।

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