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पूरे परिसर का नहीं होगा ASI सर्वे, ज्ञानवापी शिवलिंग सर्वे मामले में हिंदू पक्ष को बड़ा झटका

वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी शिवलिंग सर्वे मामले में हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर में पूजा करने और मंदिर बनाने का अधिकार मांगते हुए याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में अतिरिक्त सर्वेक्षण की अनुमति देने का अनुरोध भी किया गया था, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया।

वकील का बयान
हिंदू पक्ष के वकील, विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कि हमारी एप्लीकेशन खारिज कर दी गई है। रस्तोगी ने अपनी याचिका में यह तर्क दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे भगवान आदि विशेश्वर का एक 100 फीट का विशाल शिवलिंग और अरघा स्थित है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया था कि इस महत्वपूर्ण स्थल का पुरातात्विक सर्वेक्षण पेनिट्रेटिंग रडार की मदद से किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि इससे इस क्षेत्र के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को उजागर किया जा सकेगा। हालांकि, अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया। उन्होंने न्यायालय के इस निर्णय पर निराशा व्यक्त करते हुए बताया कि वे इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।

एएसआई द्वारा सर्वेक्षण की स्थिति
वाराणसी जिला अदालत ने हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका में ASI (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) द्वारा सर्वे और सेंट्रल डोम के नीचे खुदाई करने का अनुरोध किया गया था, जिसे अदालत ने अस्वीकार कर दिया। हिंदू पक्ष अब इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील करने की तैयारी कर रहा है। यह कानूनी लड़ाई आगे बढ़ेगी और इस मामले के अगले चरण पर नजर रहेगी। कोर्ट ने एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) द्वारा ज्ञानवापी क्षेत्र के सुरक्षा और सर्वेक्षण से संबंधित आवेदन को भी खारिज कर दिया। इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि आगे की प्रक्रियाओं के लिए और समय लगेगा।

उच्च न्यायालय में अपील
हिंदू पक्ष अब उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा है। यह देखा जाना बाकी है कि उच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई कैसे होगी और क्या नए तथ्यों के आधार पर कोई बदलाव आएगा।ज्ञानवापी शिवलिंग सर्वे मामला भारत में एक संवेदनशील मुद्दा है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों पहलुओं से जुड़ा हुआ है। वाराणसी कोर्ट का यह फैसला एक नई कानूनी लड़ाई की शुरुआत को दर्शाता है, जो उच्च न्यायालय में जारी रहेगी।

हिंदू पक्षकार विजय शंकर रस्तोगी ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे भगवान आदि विशेश्वर का 100 फीट का विशाल शिवलिंग और अरघा स्थित है जिसका पेनिट्रेटिंग रडार की मदद से पुरातात्विक सर्वेक्षण होना चाहिए.

NEWS SOURCE Credit : punjabkesari

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