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कहा- ‘आधिकारिक पत्र अंग्रेजी में लिखें मुझे हिंदी नहीं आती, DMK सांसद ने केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू की चिट्ठी पर दिया जवाब

DMK नेता और राज्यसभा सांसद एमएम अब्दुल्ला ने केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के हिंदी में लिखे पत्र का तमिल में जवाब देते हुए कहा कि उन्हें हिंदी नहीं आती है.’उन्हें पत्र का एक भी शब्द समझ में नहीं आया.’ उन्होंने केंद्रीय मंत्री से कहा कि आधिकारिक पत्र अंग्रेजी में भेजे जाएं. तमिलनाडु के राज्य गान तमिल थाई वल्थु पर शुरू हुआ विवाद अभी भी जारी है. 21 अक्टूबर को केंद्रीय रेल राज्य मंत्री ने एक पत्र भेजा था, जिसमें ट्रेनों की स्वच्छता और भोजन की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की गई थी, जिसके बाद डीएमके सांसद ने प्रतिक्रिया दी.

केंद्रीय मंत्री ने पत्र में क्या लिखा था?

केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने हिंदी में लिखा पत्र, ” आपने राज्यसभा में दिनांक 5 अगस्त 2024 को विशेष उल्लेख के तहत रेलवे की ओर से उपलब्ध भोजन की गुणवत्ता, स्वच्छता, स्टेशनों पर अनाधिकृत बिक्री रोकने के संबंध में मामला उठाया था. इस मामले की जांच करवाई गई है.”” उनके कार्यालय में तैनात अधिकारियों को मैंने फोन किया और कहा कि मुझे हिंदी नहीं आती, कृपया पत्र अंग्रेजी में भेजें, लेकिन पत्र हिंदी में था”, DMK सांसद ने X पर पोस्ट कर बताया कि रेल राज्य मंत्री के कार्यालय के पत्र हमेशा हिंदी में होते हैं.

हाल ही में तमिलनाडु के सीएम स्टालिन और राज्यपाल आरएन रवि के बीच हिंदी माह के समापन समारोह और चेन्नई दूरदर्शन के स्वर्ण जयंती समारोह को लेकर तमिल-हिंदी विवाद चर्चा में है.मुख्यमंत्री स्टालिन ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखकर कहा, “बहुभाषी राष्ट्र में गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी माह मनाना अन्य भाषाओं को नीचा दिखाने के प्रयास के रूप में देखा जाता है. इसलिए, मेरा सुझाव है कि गैर-हिंदी भाषी राज्यों में इस तरह के हिंदी-उन्मुख आयोजनों को टाला जाए और इसके बजाय संबंधित राज्यों में स्थानीय भाषा माह मनाने को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.”

NEWS SOURCE Credit : lalluram

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