उत्तर प्रदेश भाजपा में कलह के कयास लग रहे हैं। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी हाल ही में दिल्ली गए थे। इस दौरान जेपी नड्डा से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी तक से मुलाकात हुई थी। खासतौर पर यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले इन चर्चाओं ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने फ्रंटफुट पर खेलने के संकेत दिए हैं और उपचुनाव की तैयारियों की कमान संभाल ली है। गाजियाबाद, कुंदरकी, मिल्कीपुर समेत कई चर्चित सीटों पर उपचुनाव होना है। ऐसे में भाजपा चाहती है कि इन सीटों पर अच्छे प्रदर्शन से लोकसभा चुनाव की हार को पीछे छोड़ा जाए।
अभी चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन सीएम योगी पहले ही सरकार और संगठन के पेच कसना चाहते हैं। ऐसा इसलिए कि मंत्री अपने इलाकों में जिम्मेदारी संभाल लें और संगठन भी सक्रिय हो जाए ताकि चुनाव के ऐलान के वक्त दबाव न रहे। सीएम योगी ने हाल ही में सभी 10 विधानसभा सीटों से जुड़े लोगों की मीटिंग भी बुलाई थी और प्रभारी तय किए गए थे। सीएम योगी ने मंत्रियों और नेताओं को संकेत दिया है कि वे लोगों की समस्याओं को सुनें और जनसंपर्क बढ़ाएं। खासतौर पर बूथ मैनेजमेंट पर जोर दिया जाए।
बुधवार को इस बारे में मीटिंग हुई थी, जिसमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक नहीं पहुंचे थे। दोनों नेता दिल्ली में थे। इसकी चर्चाएं भी खूब रहीं, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने चुप्पी साध रखी है और मिशन-10 पर जुट गए हैं। कयास इसलिए भी बढ़े थे क्योंकि भाजपा के संगठन के भी कई सीनियर नेता मौजूद नहीं थे। इस पर जब सवाल हुए तो भाजपा के नेताओं ने ज्यादा तवज्जो नहीं दी। उन्होंने कहा कि अभी तो यह सरकार का ही काम है। चुनाव के ऐलान के बाद संगठन भी सक्रिय हो जाएगा। वहीं योगी आदित्यनाथ समर्थकों का कहना है कि सीएम चाहते हैं कि प्रदर्शन अच्छा रहे। इसके लिए वह निजी तौर पर बहुत मेहनत कर रहे हैं।