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जानें कैसे करें इस्तेमाल, गुलकंद की मिठास सेहत के लिए भी है फायदेमंद

मीठा पान खाना क्या आपको भी पसंद है? और क्या आप जानती हैं कि पान में मिठास डालने के लिए किस चीज का इस्तेमाल किया जाता है? पान में मीठेपन के लिए गुलकंद का इस्तेमाल किया जाता है। गुलकंद का शाब्दिक अर्थ है- गुल का मतलब है गुलाब और कंद का अर्थ है मीठा। न्यूट्रीशनिस्ट रुजुता दिवाकर इसे एक सुपरफूड मानती हैं। गुलकंद पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए अच्छा माना जाता है। देसी गुलाब की पंखुड़ियों और चीनी से गुलकंद बनता है। कुछ लोग इसे गुलाब के जैम के रूप में जानते हैं। दिमागी थकान और तनाव को दूर करने के लिहाज से भी गुलकंद का सेवन काफी अच्छा माना जाता है। इसकी तासीर ठंडी होती है और इसके सेवन से दिमाग की नसों को आराम मिलता है। गुलकंद सिर्फ पान तक ही सीमित नहीं है बल्कि कई भारतीय व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

कैसे बनाएं गुलकंद?

देसी गुलाब की 250 ग्राम ताजा पंखुड़ियां लें। उसे अच्छी तरह पानी से धोकर कपड़े पर थपथपाकर सुखा लें। थोड़ी देर पंखे के सामने किसी कपड़े पर फैला दें ताकि सारा पानी सूख जाए। 500 ग्राम मिश्री या चीनी लें और उसका पाउडर बना लें। इसे गुलाब की पंखुड़ियों में मिलाएं। साथ ही उसमें एक छोटा चम्मच इलायची पाउडर और आधा छोटा चम्मच सौंफ पाउडर मिला दें। एक कांच के जार में भरकर धूप में 10- 12 दिन रखें ताकि चीनी पिघल कर अच्छी तरह से गुलाब की पंखुड़ियों में मिल जाए। बढ़िया गुलकंद तैयार है।

ऐसे करें इस्तेमाल

1) मैं गुलकंद में थोड़ा काजू पाउडर व बादाम आदि मिलाकर ब्रेड पर जैम की तरह लगा देती हूं। इसके अलावा गुलकंद में नारियल पाउडर मिलाकर बच्चों के लिए मीठे खस्ता परांठे बनाती हूं। बच्चे, बड़े सभी चाव से खाते हैं।

2) ठंडी-ठंडी खीर में थोड़े से दूध में गुलकंद को पीसकर उसमें मिला दें। लोग बता ही नहीं पाएंगे कि खीर का स्वाद कैसे इतना अच्छा हो गया है। खुशबू भी लाजवाब होगी।

3) काजू मखाना रोल बनाते समय बीच में गुलकंद की स्र्टंफग कर दें। देखने में तो अच्छा लगेगा ही, साथ ही स्वाद भी बेहतर होता है।

4) मिल्क शेक, लस्सी या शेक बनाते समय उसमें थोड़ा-सा गुलकंद डालने से स्वाद बढ़िया हो जाता है।

5) ठंडे पानी में थोड़ा-सा गुलकंद, थोड़ा-सा नीबू का रस, शहद और जीरा मिलाकर पिएं। उमस और गर्मी वाले मौसम में सेहत दुरुस्त रहेगी।

6) ठंडे दूध या दही में थोड़ा-सा गुलाब का सिरप और गुलकंद डालकर मिलाती हूं और फिर डेजर्ट की तरह बाउल में डालकर ऊपर से कटे मेवे डालकर सर्व करती हूं ।

7) नारियल का लड्डू बनाते समय लड्डू के बीच में गुलकंद व मेवा को मिलाकर भर दें। लड्डू के स्वाद और पोषण दोनों में इजाफा होगा।

यूं करें स्टोर दोनों में इजाफा होगा।

गुलकंद बाजार से खरीदा हो या घर पर बनाया हो, इसकी शेल्फ लाइफ काफी समय तक होती है। बस ध्यान देना है कि जब भी शीशी से निकालें तो सूखी चम्मच का प्रयोग करें। इसे एयरटाइट डिब्बे में डालकर फ्रिज में रखें तो छह माह तक यह गुलकंद आराम से इस्तेमाल योग्य रहेगा।

सेहत को उपहार

आयुर्वेद में इसे सबसे अच्छी दवाओं में से एक के रूप में जाना जाता है। गुलकंद के नियमित सेवन से पेट के रोग जैसे कब्ज आदि में आराम मिलता है। अगर आपको कब्ज की समस्या रहती है तो रात सोने से पहले हल्के गर्म पानी या दूध के साथ आधा से एक चम्मच गुलकंद नियमित रूप से खाएं।

गर्मियों में कुछ लोगों को अकसर नकसीर फूटने की समस्या हो जाती है। गुलकंद के सेवन से इस परेशानी में राहत मिलती है। मुंह के छालों में गुलकंद खाना फायदेमंद रहता है। यह पित्त को कम करके छालों में होने वाली जलन को शांत करता है। रात को सोते समय गुलकंद वाला दूध पीने से अच्छी नींद आती है क्योंकि यह मन को शांत करता है। तनाव व थकान को भी दूर करता है।

NEWS SOURCE Credit : livehindustan

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