Download Our App

Follow us

आपका समाचार पत्र...

Search
Close this search box.
Home » उत्तराखंड » CM धामी का बड़ा ऐलान उत्तराखंड में अब शहीदों के परिजनों को 10 की जगह मिलेंगे 50 लाख रुपए

CM धामी का बड़ा ऐलान उत्तराखंड में अब शहीदों के परिजनों को 10 की जगह मिलेंगे 50 लाख रुपए

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को देश की सेवा करते शहीद हुए सैनिकों के परिजनों को मिलने वाली अनुदान राशि 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपए करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री धामी ने साथ ही सरकारी नौकरी के लिए आश्रितों द्वारा आवेदन करने की समय सीमा शहादत की तरीख से मौजूदा दो साल से बढ़ाकर पांच साल करने का ऐलान किया।

शहीदों के आश्रितों को अन्य कार्यालयों में भी मिलेगी नियुक्ति
करगिल ‘शौर्य दिवस’ के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धामी ने यह भी घोषणा की कि शहीदों के आश्रितों को अब जिलाधिकारी कार्यालय के अलावा अन्य कार्यालयों में भी नियुक्ति दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘शहीदों के आश्रितों को अभी तक जिलाधिकारी कार्यालय में समूह ‘ग’ और ‘घ’ के पद रिक्त होने पर ही नियुक्ति मिलती थी लेकिन अब संबंधित जिलों में स्थित अन्य विभागों में भी उक्त समूह के पदों पर उन्हें नियुक्त किया जाएगा।” प्रदेश में रहने वाले सैनिकों तथा उनके परिवारों के कल्याण के लिए अपना संकल्प व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अनुदान राशि को लेकर मतभेद समाप्त करने का भी निर्णय लिया है ताकि शहीदों के माता-पिता और पत्नी दोनों को उसका अधिकार मिले।

प्रदेश के जवानों की चर्चा के बिना करगिल विजय की गाथा अधूरी: धामी
धामी ने कहा कि उनकी सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर लौटने वाले अग्निवीरों के लिए भी सरकारी सेवाओं में आरक्षण की व्यवस्था करने का प्रावधान कर रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जरूरी होने पर अधिनियम भी लाया जाएगा जिससे अनुशासित और कौशल से भरपूर सैनिकों की सेवाएं सरकार को प्राप्त हो सकें। करगिल युद्ध में उत्तराखंड के योगदान को याद करते हुए धामी ने कहा कि प्रदेश के जवानों की चर्चा के बिना करगिल विजय की गाथा अधूरी है। उन्होंने कहा कि इस युद्ध में शहीद हुए हमारे 75 सैनिकों का बलिदान यह वीरभूमि कभी भुला नहीं सकती। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीतिक साहस और दूरदृष्टि को भी याद किया और कहा कि करगिल का युद्ध ऐसा पहला युद्ध है जहां भारत की सेना ने अपने अदमय साहस से मैदान में जीत हासिल की वहीं मेज पर यह युद्ध राजनीतिक नेतृत्व ने भी जीता।

NEWS SOURCE Credit : punjabkesari

Leave a Comment

RELATED LATEST NEWS

Top Headlines

Live Cricket