दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ आम आदमी पार्टी (AAP) नेता मनीष सिसोदिया शुक्रवार शाम को 17 महीने की लंबी अवधि के बाद तिहाड़ जेल से रिहा हो गए। जेल से बाहर आते ही, सिसोदिया ने अपनी पत्नी के साथ चाय की प्याली के साथ सुबह की एक भावुक सेल्फी सोशल मीडिया पर साझा की। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, “आजादी की पहली सुबह की चाय… 17 महीने बाद।” सिसोदिया की इस सेल्फी ने उनके जेल से बाहर आने की खुशी और स्वतंत्रता के अर्थ को उजागर किया। उन्होंने अपनी पोस्ट में संविधान और प्राकृतिक स्वतंत्रता के महत्व पर भी विचार किया। सिसोदिया ने लिखा, “संविधान ने हम सभी भारतीयों को जीने के अधिकार की गारंटी दी है। भगवान ने हमें सबके साथ खुली हवा में सांस लेने की आजादी दी है।”
सुप्रीम कोर्ट का आदेश…
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मनीष सिसोदिया को जमानत देते हुए कहा कि बिना किसी सुनवाई के लंबे समय तक जेल में रहने की वजह से उन्हें त्वरित न्याय के अधिकार से वंचित किया गया। इस आदेश के बाद, सिसोदिया ने अरविंद केजरीवाल के घर जाकर उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। यह मुलाकात विशेष रूप से भावुक थी, क्योंकि मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल अपने आंसू नहीं रोक पाईं, जो सिसोदिया के परिवार से गहरे संबंधों को दर्शाता है। सिसोदिया ने अरविंद केजरीवाल के माता-पिता का आशीर्वाद भी लिया और इस आदेश के बाद उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर को धन्यवाद दिया। सिसोदिया ने कहा, “हमने संविधान के माध्यम से इस कानूनी लड़ाई को तार्किक अंजाम तक पहुंचाया है। मेरे साथ होने के लिए मैं आप सभी का शुक्रिया अदा करता हूं।”
जानिए दिल्ली आबकारी नीति से जुड़ा इतिहास
26 फरवरी 2023 को, मनीष सिसोदिया को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़ी अनियमितताओं के आरोप में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद, 9 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में हिरासत में लिया। इन घटनाओं के कारण, सिसोदिया को 28 फरवरी 2023 को दिल्ली कैबिनेट से भी हटना पड़ा था। सिसोदिया की जेल से रिहाई और उनके भावुक संदेश ने उनके समर्थकों के बीच खुशी की लहर पैदा कर दी है। उनका यह कदम स्वतंत्रता और न्याय के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है, और इसने राजनीतिक माहौल को भी गर्मा दिया है।
NEWS SOURCE Credit : punjabkesari