कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त 2024 को एक महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना ने पूरे देश में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। इस मामले में अब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एक आपात बैठक बुलाई है।
राज्यपाल ने बुलाई आपात बैठक
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने इस गंभीर मामले पर चर्चा के लिए राज्य के विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों की आपात बैठक बुलाई है। यह कदम आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य और पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह द्वारा लिखे गए एक खुले पत्र के बाद उठाया गया है। हरभजन सिंह ने इस पत्र के माध्यम से घटना पर गहरा दुख और चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने पत्र में लिखा था कि इस घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है और दोषियों को कानून के अनुसार कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि सिस्टम में विश्वास बहाल हो सके। राजभवन की ओर से जारी एक पोस्ट में कहा गया है कि राज्यपाल ने हरभजन सिंह के पत्र पर तत्काल प्रतिक्रिया दी है और इस मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी देने के लिए एक आपात बैठक बुलाई है। पोस्ट में यह भी कहा गया है कि राज्यपाल हरभजन सिंह को की गई और की जाने वाली कार्रवाई के बारे में जानकारी देंगे और इस मुद्दे पर उनकी राय भी लेंगे।
हरभजन सिंह ने पत्र में क्या लिखा
हरभजन सिंह ने पत्र में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सरकारों को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक उपाय करने चाहिए। उन्होंने अस्पतालों में सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने, हिंसा पीड़ितों को पर्याप्त सहायता प्रदान करने और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के लिए एक सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने की बात की। उन्होंने उन डॉक्टरों का भी समर्थन किया जो सुरक्षित कार्य वातावरण की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।
9 अगस्त की दरिंदगी
9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। यह घटना देर रात चेस्ट डिपार्टमेंट की तीसरी मंजिल पर स्थित सेमिनार हॉल में हुई थी। पुलिस ने बताया कि डॉक्टर के शरीर पर कई चोटों के निशान मिले हैं। मुख्य आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन जांच एजेंसियों ने अन्य आरोपियों की संभावना को खारिज नहीं किया है।
OPD और वार्ड सेवाओं निलंबित
इस जघन्य घटना ने व्यापक आक्रोश और विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया है। दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों ने 12 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है, विरोध स्वरूप OPD और वार्ड सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने न्याय की मांग के साथ-साथ चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने की अपील की है। इस घटना ने केवल चिकित्सा समुदाय को ही नहीं, बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया है।
NEWS SOURCE Credit : punjabkesari