International Desk: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष में हालिया मिसाइल हमले ने एक बार फिर से तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। रूस ने मंगलवार को यूक्रेन के पोल्टावा क्षेत्र में स्थित एक मिलिट्री इंस्टीट्यूट पर दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इस हमले में 51 लोगों की मौत हो गई है और 271 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। हमले में मरने वालों में कई सैनिक शामिल हैं, हालांकि यूक्रेन के सुरक्षा बलों ने यह नहीं बताया कि मारे गए लोगों में कितने सैनिक थे।
यह हमला पोल्टावा के मिलिट्री कम्युनिकेशन इंस्टीट्यूट पर हुआ, जो यूक्रेन के सैन्य बलों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है। मिसाइलें इंस्टीट्यूट की इमारतों पर गिरीं, जिससे इमारतों का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया और मलबे में कई लोग फंस गए। यूक्रेन के आपातकालीन सेवाओं के अनुसार, अब तक 25 लोगों को बचाया जा चुका है, जिनमें से 11 को मलबे के नीचे से निकाला गया है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे “रूस की बर्बरता” करार दिया है। उन्होंने इस हमले की तुरंत जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि रूस को इस जघन्य अपराध के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने वीडियो संबोधन में कहा कि इस हमले ने यूक्रेन के लिए एक और दुखद दिन जोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार और बचाव दल जितना संभव हो उतने लोगों की जान बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
यह हमला यूक्रेन के सैन्य बलों के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि यह संस्थान उनके संचार और रणनीतिक विकास के लिए महत्वपूर्ण था। यूक्रेन का रक्षा मंत्रालय इस बात की जांच कर रहा है कि क्या सैनिकों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपाय किए गए थे या नहीं। इस हमले ने यूक्रेन के सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
रूस ने हाल के हफ्तों में यूक्रेन पर मिसाइल और ड्रोन हमले तेज कर दिए हैं। इस हमले से पहले, रूस ने पिछले सप्ताह यूक्रेन में सबसे भारी बमबारी की थी, जिसमें कई प्रमुख स्थानों को निशाना बनाया गया था। यूक्रेन ने भी रूस पर जवाबी हमले किए हैं, जिसमें 158 ड्रोन के साथ रूस के तेल रिफाइनरी और बिजली स्टेशन को निशाना बनाया गया था।