मेरठ: दिल्ली-देहरादून हाईवे पर आराम से सफर करते हुए अचानक अगर जाम में फंस जाएं तो समझ जाइए आप मेरठ की सीमा में प्रवेश कर गए हैं। यह समस्या किसी विशेष दिन नहीं, बल्कि हर रोज रहती है। गत रविवार को हाईवे हो या एक्सप्रेसवे… सब जगह जाम ही जाम था। पुलिस इसका प्रमुख कारण भैयादूज और त्योहारों की छुट्टी खत्म होने से उत्तराखंड से दिल्ली की तरफ जाने वाले वाहनों को बता रही है, पर समस्या की जड़ यह नहीं है। चूंकि ट्रैफिक तो उत्तराखंड से मुजफ्फरनगर होते भी निकला, लेकिन वहां कहीं भी जाम नहीं था। मेरठ की सीमा में जाम का प्रमुख कारण हाईवे पर बने अवैध कट हैं। करीब सात स्थानों पर यह अवैध कट हैं। ये अवैध कट जाम और हादसे का कारण बन रहे हैं।
हैरानी इस बात की है कि न तो हाईवे अथारिटी के कानों पर जूं रेंग रही है और न ही स्थानीय प्रशासन को कोई सुध है। जिस हाईवे पर वाहनों को सरपट दौड़ना चाहिए वहां वाहनों को अकसर कुछ किलोमीटर के बाद रेंगना पड़ता है। ऐसा भी इसलिए होता है, क्योंकि हाईवे पर किसी भी अवैध कट से वाहन प्रवेश कर जाते हैं और इससे लंबा जाम लग जाता है।
रविवार को मुजफ्फरनगर की तरफ से मेरठ की सीमा में प्रवेश करने के बाद दौराला पुल से उतरते ही जाम ने जकड़ लिया। परतापुर के काशी टोल तक बदतर हालात रहे। सिवाय टोल से काशी टोल तक पहुंचने में दो घंटे से ज्यादा का समय लगा। इसमें हाईवे पर तैनात पुलिसकर्मियों की निष्क्रयता सामने आ रही है। इसी के चलते आइजी नचिकेता झा ने संबंधित थाना पुलिस और यातायात पुलिस से जवाब मांग लिया है। उन्होंने सोमवार को कंट्रोल रूम में पहुंचकर खुद ड्यूटी चेक की है। एसपी यातायात को स्पष्ट कर दिया कि ड्यूटी मुस्तैदी से नहीं करने वाले पुलिसकर्मियों की गैरहाजिरी लिखी जाए।
साथ ही उन्होंने थाने और यातायात पुलिसकर्मियों की ड्यूटी का रिकार्ड मांगा है। सबसे ज्यादा लापरवाही कंकरखेड़ा, टीपीनगर और परतापुर पुलिस की सामने आ रही है। थानों की पुलिस ने हाईवे पर ध्यान ही नहीं दिया है। रोहटा और बागपत फ्लाईओवर के बीच सड़क पर पड़ने वाली मस्जिद के पास वाहन खड़े होने से जाम लग रहा था। यदि पुलिस वहां मुस्तैद होती तो शायद जाम से निजात मिल सकती थी।
कंट्रोल रूम में हाईवे की ड्यूटी चेक करने पहुंचे आइजी
आइजी नचिकेता झा सोमवार को कंट्रोल रूम में लगे सीसीटीवी कैमरों से हाईवे की ड्यूटी चेक करने पहुंच गए। उन्होंने एसपी यातायात से कहा कि रविवार को मुस्तैदी से ड्यूटी नहीं करने और ड्यूटी पर मौजूद नहीं करने वाले पुलिसकर्मियों की गैरहाजिरी लिखी जाए।
सोमवार को शाम के समय हाईवे पर जाम नहीं था। हालांकि यातायात बढ़ा हुआ था। टोल पर भी यातायात सही से संचालित हो रहा था। आइजी ने बताया कि रविवार को लगे जाम की समीक्षा की जा रही है। पुलिस की किस स्तर पर लापरवाही हुई है। इसके बारे में रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।
इंटरसेप्टर को निलंबित की दी चेतावनी
कंट्रोल रूम में पहुंचकर आइजी ने करीब 20 मिनट तक यातायात देखा। उन्होंने रविवार को हाईवे पर जाम के बारे में पूछताछ की। टीआइ ने बताया कि हाईवे को दो हिस्सों में बांटा गया था। एक हिस्से पर इंटरसेप्टर लगाई थी, जिस पर टीआइ विजय सिंह की स्टाफ के साथ ड्यूटी लगी थी। टीआइ की टीम को आइजी ने निलंबन की चेतावनी दी है। उन्हें कहा गया कि भविष्य में हाईवे पर
जाम लगा तो कार्रवाई निश्चित है।
मजलिसे में जा रही 60 बसों की वजह से जाम हुआ हाईवे
आइजी नचिकेता झा को भेजी रिपोर्ट में यातायात पुलिस ने बताया कि रविवार को दिल्ली से हरिद्वार की तरफ मजलिसे में 60 बसों में सवार होकर मुस्लिम जा रहे थे। 40 बसों को खडौली मस्जिद के पास रोककर वह नमाज अदा करने लगे। करीब आधे घंटे तक नमाज अदा की गई। सभी गाड़ियों को हाईवे के किनारे लगा दिया था, जो जाम की वजह बन गई थी। उनकी वजह से ही शाम
तक हाईवे जाम से प्रभावित रहा।
ये है दिल्ली-दून हाईवे पर जाम की वजह और उस पर यातायात पुलिस की टिप्पणी
सिवाया टोल पर वाहनों के निकलने में काफी देर लगना। (इसके लिए टोल के मैनेजर से यातायात पुलिस मीटिंग करेंगी, ताकि वाहनों की संख्या बढ़ने पर टोल टैक्स वसूली में देरी न करें) कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में कैलाशी अस्पताल के समीप रेस्टोरेंट के बाहर खड़े वाहन भी जाम का कारण बन रहे हैं। (रेस्टोरेंट और मंडप
स्वामी को नोटिस भेजकर कार्रवाई की जाएगी)
डाबका कट पर कई कालोनियां होने की वजह से वाहनों का आना जाना लगा रहता है। (इस कट की जिम्मेदारी थाना पुलिस को दी जाएगी) खडौली कट और मस्जिद के आसपास रेस्टोरेंट पर खड़े वाहन भी जाम की वजह बनते हैं। (यहां पर यातायात पुलिस की इंटरसेप्टर गाडी की ड्यूटी लगाई जाएगी) सुभारती मेडिकल कालेज वाले कट पर भी जाम की समस्या आती है। (मेडिकल कालेज के प्रशासन से बात कर सुरक्षा गार्डों की ड्यूटी लगाई जाएगी)
NEWS SOURCE Credit : jagran