जब साइबर थाना के थानाध्यक्ष ही साइबर अपराध का शिकार हो जाएंगे तो आम लोग साइबर अपराध से कितना सुरक्षित रह सकते हैं यह सोचने वाली बात है। ताजा मामला मुंगेर साइबर थाना से सामने आया है। यहां के साइबर थाना के थानाध्यक्ष सह ट्रैफिक डीएसपी प्रभात रंजन को ही साइबर अपराधियों ने साइबर फ्रॉड का शिकार बना लिया। उनके नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बना कर मैसेन्जर के माध्यम से फॉलोअरों को मैसेज कर राशि की मांग की जा रही है। यह घटना बिहार के मुंगेर की है।
साइबर थानाध्यक्ष के फर्जी फेसबुक एकाउंट से फॉलोअरों से राशि मांगे जाने का गोरखधंधा पिछले कई दिनों से चल रहा था। जिसकी जानकारी थानाध्यक्ष को नहीं थी। इसका खुलासा तब हुआ जब 27 जुलाई को साइबर थानाध्यक्ष के एक फॉलोअर ने उनके व्हाट्सएप पर मैसेन्जर के माध्यम से मांगे गए पैसों का स्क्रीन शॉट भेजते हुए पैसा मांगे जाने का कारण पूछा। इसके बाद साइबर थानाध्यक्ष को साइबर फ्राड का आभास हुआ।
एसपी सैयद इमरान मसूद ने कहा आज कल अधिकारी या पुलिस अधिकारी का फोटो लगा फर्जी फेसबुक एकाउंट और व्हाट्सएप बनाकर पैसे मांगे जाने का प्रचलन आम होता जा रहा है। ऐसे में लोगों से आग्रह है कि साइबर फ्रॉड से बचने के लिए ऐसे किसी तरह के मैसेज जिसमें पैसों की मांग की जा रही है या पर्सनल डिटेल या ओटीपी की मांग की जा रही है, तो निश्चित रूप से यह फ्रॉड है और तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें। पुलिस के समक्ष फ्रॉड का जो भी मामला सामने आता है उसमें कार्रवाई की जाती है। लेकिन साइबर फ्रॉड से बचने के लिए लोगों को जागरूक रहना जरूरी है।
साइबर थानाध्यक्ष सह ट्रैफिक डीएसपी प्रभात रंजन ने बताया कि फर्जी फेसबुक एकाउंट बनाकर राशि मांगने की जानकारी होने पर उन्होंने फेसबुक को एकाउंट सुरक्षित रखने का रिक्वेस्टलेटर भेजा गया है। साथ ही फर्जी एकाउंट बनाने वाले की विवरणी 91 सीआरपीसी के तहत फेसबुक से मांगी गई है। फेसबुक द्वारा फर्जी एकाउंट बनाने वाले की विवरणी उपलब्ध कराए जाने के बाद साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
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